NCERT Solutions for Class 9 Sanskrit Chapter 7
NCERT Solutions for Class 9 Sanskrit Chapter 7 सप्तमः पाठः प्रत्यभिज्ञानम् (पहचान) प्रस्तुत पाठ भास रचित ‘पञ्चरात्रम्‘ नामक नाटक से सम्पादित कर लिया गया है। दुर्योधन आदि कौरव वीरों ने राजा विराट की गायों का अपहरण कर लिया। विराट-पुत्र उत्तर बृहन्नला (छद्मवेषी अर्जुन) को सारथी बनाकर कौरवों से युद्ध करने जाता है। कौरवों की ओर से अभिमन्यु (अर्जुन-पुत्र) भी युद्ध करता है। युद्ध में कौरवों की पराजय होती है।
इसी बीच विराट को सूचना मिलती है, वल्लभ (छद्मवेषी भीम) ने रणभूमि में अभिमन्यु को पकड़ लिया है। अभिमन्यु भीम तथा अर्जुन को नहीं पहचान पाता और उनसे उग्रतापूर्वक बातचीत करता है। दोनों अभिमन्यु को महाराज विराट के समक्ष प्रस्तुत करते हैं। अभिमन्यु उन्हें प्रणाम नहीं करता। उसी समय राजकुमार उत्तर वहाँ पहुँचता है जिसके रहस्योद्घाटन से अर्जुन तथा भीम आदि पाण्डवों के छद्मवेष का उद्घाटन हो जाता है।
सप्तमः पाठः प्रत्यभिज्ञानम् (पहचान)
पाठ का सप्रसंग हिन्दी अनुवाद
(1) Class 9 Sanskrit Chapter 7 Hindi translation
भटः- जयतु महाराजः …………………………. । इतः कुमारः।
कठिन शब्दार्थ
भटः = सैनिक। ब्रूहि = बोलिए। अपूर्वः = जो पहले नहीं हुआ हो। अश्रद्धेयम् = श्रद्धा के अयोग्य । सौभद्रः = सुभद्रा का पुत्र, अभिमन्यु । ग्रहणं गतः = पकड़ा गया। आसाद्य = पाकर, पहुँचकर । निश्शङ्कम् = बिना किसी हिचक के। अवतारितः = उतार लिया गया। इतः = इधर । एषः = यह। भुजैकनियन्त्रितः = एक ही हाथ से पकड़ा गया। बलाधिकेन = अत्यधिक बल होने पर भी।
प्रसंग
प्रस्तुत नाट्यांश हमारी संस्कृत की पाठ्यपुस्तक ‘शेमुषी’ (प्रथमोभागः) के ‘प्रत्यभिज्ञानम्’ नामक पाठ से उद्धृत है। मूलतः यह पाठ भास विरचित ‘पञ्चरात्रम्’ नामक नाटक से संकलित किया गया है। इस अंश में सैनिक एवं राजा का संवाद प्रस्तुत करते हुए उसमें अभिमन्यु के पकड़े जाने की सूचना तथा तदनुसार अभिमन्यु का प्रवेश एवं उसका वार्तालाप वर्णित है।
हिन्दी अनुवाद
सैनिक- महाराज की जय हो।
राजा- आज आपमें अपूर्व प्रसन्नता है, कहो किसलिए आश्चर्यचकित हो?
सैनिक- अविश्वसनीय परन्तु प्रिय समाचार मिला है। “सुभद्रा-पुत्र अभिमन्यु पकड़ा गया”।
राजा- किस प्रकार से उन्हें पकड़ा गया? वह कहाँ हैं?
सैनिक- रथ के द्वारा पहुँचा कर, बिना किसी हिचक के (उन्हें) भुजाओं से पकड़कर उतार लिया गया है। (प्रकट रूप में) इधर से कुमार! इधर से।
अभिमन्यु- अरे! यह शक्तिशाली व्यक्ति कौन है? जिसके द्वारा एक भुजा से पकड़ा गया, अत्यधिक बल के होते हुए भी, मैं पीड़ा (कष्ट) नहीं पा रहा। अर्थात् उन्होंने मुझे पकड़ तो रखा है, लेकिन बिना मुझे विशेष कष्ट दिए।
बृहन्नला- इधर से कुमार! इधर से आइए।
(2) Class 9 Sanskrit Chapter 7 Hindi translation
अभिमन्युः- अये! अयमपरः ………………… तिरस्क्रियते।
कठिन शब्दार्थ
अपरः = दूसरा । विभाति = सुशोभित हो रहा है। उमा = पार्वती। हरः = भगवान् शिव । कौतुहलम् = जानने की उत्कण्ठा। मे = मुझे। महत् = महान् । वाचालयतु = बोलने को प्रेरित करे। अपवार्य = हटाकर। बाढम् = ठीक है । रुष्यति = क्रोधित होता है। अभिभाषय = बोलो। गतः = गया हुआ। तिरस्क्रियते = उपेक्षा की जाती है।
प्रसंग
प्रस्तुत नाट्यांश हमारी संस्कृत की पाठ्यपुस्तक शेमुषी’ (प्रथमोभागः) के ‘प्रत्यभिज्ञानम्’ नामक पाठ से उद्धृत है। मूलतः यह पाठ महाकवि भास विरचित ‘पञ्चरात्रम्’ नामक नाटक से संकलित किया गया है। इस अंश में गुप्त वेष धारण किये हुए भीम एवं अर्जुन द्वारा युद्ध में अभिमन्यु को पकड़े जाने पर उनके वार्तालाप का यथार्थ चित्रण किया गया है।
हिन्दी अनुवाद
अभिमन्यु- अहो! यह दूसरे कौन हैं। जो पार्वती के वेष को धारण किए हुए भगवान् शिव के समान सुशोभित हैं।
बृहन्नला- पूज्य, मुझे इससे बात करने की महान् उत्कण्ठा हो रही है, आप इसे बुलवाइये तो।
भीमसेन- (हटाकर) ठीक है (प्रकट रूप में) हे अभिमन्य !
अभिमन्यु- (क्या)? ‘अभिमन्यु’ नाम से पुकार रहे हैं?
भीमसेन- यह मुझसे कुपित है। तुम ही इसे बुलवाओ।
बृहन्नला- अरे! अभिमन्यु!
अभिमन्यु- कैसे, कैसा व्यवहार है इनका? ये सभी मुझ अभिमन्यु को नाम से सम्बोधित कर रहे हैं। (आदर सम्मान से नहीं)।
अरे! क्या इस विराटनगर में क्षत्रियकुल में जन्मे वीरों को, नीच सैनिक आदि के द्वारा भी नाम लेकर बोला जाता है अथवा (ठीक है) मैं अब शत्रु के अधीन हो गया हूँ, इसीलिए ये मेरा तिरस्कार कर रहे हैं।
Class 9 Sanskrit Chapter 7 Hindi translation
(3) Class 9 Sanskrit Solutions
बृहन्नला- अभिमन्यो! किञ्चित्। ……….. पार्थं पितरमुद्दिश्य युद्धपराजयः॥
कठिन शब्दार्थ
सुखमास्ते = सुखपूर्वक है। जननी = माता। पितृव्यः = चाचा। आक्रम्य = प्रकट होकर। स्त्रीगतां = स्त्री के विषय में। पृच्छसे = पूछ रहे हो। केशवः = श्रीकृष्ण । उभौ = दोनों। अवलोकयतः = देखते हैं। सावज्ञम् = उपेक्षा करते हुए। हस्यते = हँसा जा रहा है। पार्थम् = अर्जुन को। मातुलम् = मामा। तरुणस्य = युवक के। कृतास्त्रस्य = शस्त्रविद्या में निपुण।
प्रसंग
प्रस्तुत नाट्यांश हमारी संस्कृत की पाठ्यपुस्तक ‘शेमुषी’ (प्रथमोभागः) के ‘प्रत्यभिज्ञानम्’ नामक पाठ से उद्धृत है। कौरव सेना की ओर से युद्ध हेतु आये हुए अभिमन्यु को जब गुप्तवेश धारण किये हुए एवं विराटनरेश की ओर से युद्ध करने वाले अर्जुन एवं भीम द्वारा पकड़ लिया जाता है तब उनमें हुए परस्पर वार्तालाप का सुन्दर एवं स्वाभाविक चित्रण इस अंश में किया गया है।
हिन्दी अनुवाद
बृहन्नला- अरे! अभिमन्यु! तुम्हारी माता सुखी है अर्थात् ठीक तो है?
अभिमन्यु- कैसे? कैसा व्यवहार किया जा रहा है? माता के बारे में पूछा। क्या आप मेरे पिता हैं या चाचा हैं? फिर कैसे आप पिता की तरह प्रकट होकर मुझसे स्त्री (माता) के विषय में पूछताछ कर रहे हैं?
बृहन्नला- हे अभिमन्यु! देवकीपुत्र केशव (श्रीकृष्ण) सकुशल तो हैं?
अभिमन्यु- कैसे, कैसे (क्या) कहा? पूज्य श्री कृष्ण को भी नाम से (बिना यथोचित सम्मान के) पुकारा जा रहा है। अथवा इनसे और क्या आशा की जा सकती है? (दोनों आपस में एक-दूसरे को देखते हैं)
अभिमन्यु- (देखकर) कैसे अब आप निरादरपूर्वक मुझ पर हँस रहे हैं?
बृहन्नला- नहीं, ऐसा कुछ नहीं।
अर्जुन तुम्हारे पिता हैं, श्रीकृष्ण तुम्हारे मामा। तुम युवा हो और शस्त्र-विद्या में निपुण भी। अतः युद्ध में तुम्हारी पराजय उचित ही है।
(4) Class 9 Sanskrit Chapter 7 Hindi translation
अभिमन्युः- अलं स्वच्छन्दप्रलापेन! ……………….. मध्यमो नाम?
कठिन शब्दार्थ
स्वच्छन्दप्रलापेन = अनर्गल प्रलाप से। कुले = कुल में। आत्मस्तवम् = अपनी स्तुति । हतेषु = मृत पड़ हुए। शरान् = बाणों को। मदृते = मेरे अतिरिक्त । वाक्यशौण्डीर्यम् = वाणी की वीरता। पदातिना = पैदल चलने वाले के द्वारा । गृहीतः = पकड़ा गया। अभिगतः = सम्मुख आए। हन्याम् = मारल। मादृशाः = मेरे जैसे। वञ्चयित्वा = धोखा देकर। उत्सिक्तः = गर्व से युक्त । एहि = आओ। दर्पप्रशमनम् = घमण्ट को शान्त करना। प्रहरणम् = हथियार, शस्त्र।
प्रसंग
प्रस्तुत नाट्यांश हमारी संस्कृत की पाठ्यपुस्तक ‘शेमुषी’ (प्रथमोभागः) के ‘प्रत्यभिज्ञानम्’ नामक पाठ से उद्धृत किया गया है। इस अंश में बृहन्नला रूप में स्थित अर्जुन, भीम तथा उनके द्वारा युद्ध में पराजित किये गये अभिमन्यु का परस्पर वार्तालाप वर्णित है। अभिमन्यु उन्हें वास्तविक रूप से पहचान नहीं पाता है तथा सामान्य सैनिक मानकर अपने वीरोचित उद्गार व्यक्त करता है।
हिन्दी अनुवाद
अभिमन्यु- बस, यह अनर्गल प्रलाप बन्द करो, हमारे कुल में आत्म-स्तुति करना उचित नहीं माना जाता। यद्ध-भूमि में मृत पडे बाणों को देखो, मेरे अतिरिक्त और कोई नाम नहीं मिलेगा।
बृहन्नला- अच्छा तो वाग्वीरता दिखाई जा रही है। क्यों तुम उस पैदल सैनिक के द्वारा ही पकड़े गए?
अभिमन्यु- यह सैनिक बिना शस्त्र के मेरे समीप आया था। अपने पिता अर्जुन की शिक्षा को याद करते हुए मैं कैसे उसे मारता? मुझ जैसे वीर निश्शस्त्र पर प्रहार नहीं किया करते। अत: निश्शस्त्र इसने धोखे से (छलकर) मुझे पकड़ा है।
राजा- शीघ्रता, शीघ्रता कीजिए अभिमन्य।
बृहन्नला- कुमार इधर से, इधर से……। ये महाराज हैं, आप इनके पास जाएँ।
अभिमन्यु- ओह! किसके महाराज?
राजा- आओ आओ पुत्र! तुम प्रणाम क्यों नहीं कर रहे हो (केवल मन में सोचते हैं) अहो ! निश्चय ही वह क्षत्रियवंशी बालक अत्यधिक गर्वित है। मैं इसके गर्व को शान्त करता हूँ (प्रकट रूप में) अच्छा तो किसने पकड़ा इसको?
भीमसेन- मैंने महाराज।
अभिमन्यु- ‘बिना शस्त्र के आकर’ ऐसा भी बोलो ना।
भीमसेन- ईश्वर पाप करने से बचाए, धनुष तो दुर्बलों के द्वारा ही ग्रहण किया जाता है। मेरे लिए तो मेरी दोनों भुजाएँ ही शस्त्र हैं।
अभिमन्यु- अरे! इतनी गर्वोक्ति भरी बात मत कहो। क्या आप पूज्य चाचा मध्यम (भीम) हो जो उनके समान वचन बोल रहे हो।
भीमसेन- पुत्र! यह मझला (मध्यम) कौन है?
सप्तमः पाठः प्रत्यभिज्ञानम् (पहचान)
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(5) Class 9 Sanskrit Chapter 7 Hindi translation
अभिमन्युः- योक्त्रयित्वा जरासन्धं ……………….. कृष्णोऽतदर्हताम्॥
कठिन शब्दार्थ
योक्त्रयित्वा = बाँधकर। कण्ठश्लिष्टेन = कण्ठ पर लिपटी हुई। बाहुना = भुजा द्वारा। असह्यम् = असहनीय। अतदर्हताम् = उस प्रकार की कार्य अक्षमता को।
प्रसंग
हमारी संस्कृत की पाठ्यपुस्तक “शेमुषी प्रथमः भागः” के प्रत्यभिज्ञानम्‘ पाठ में संकलित इस श्लोक में अभिमन्यु “राजा के यह पूछने पर कि भीम कौन है?” प्रत्युत्तर स्वरूप भीम द्वारा पहले किए गए जरासन्ध-वध के माध्यम से राजा को गर्वसहित भीम का परिचय देता हुआ अभिमन्यु कहता है कि-
हिन्दी अनुवाद
कण्ठ पर लिपटी एक भुजा रूपी रज्जु से जरासन्ध को बाँधकर जो वह (प्रसिद्ध) असह्य कार्य, उसके साथ किया था। (जरासन्ध की देह को दो भागों में, बीच से चीर डाला था) ऐसा करके उन्होंने (भीम ने) श्रीकृष्ण से उनकी (जरासन्ध को मारने की) असमर्थता सिद्ध कर दी थी।
आशय- जरासन्ध का श्रीकृष्ण से वैर जगत्प्रसिद्ध ही है। अतः श्रीकृष्ण ने जरासन्ध को मारने की प्रतिज्ञा की हुई थी, परन्तु भीम ने जरासन्ध की देह को बीच में से चीर कर उसे मार दिया। अतः श्रीकृष्ण का कार्य करके उन्होंने कृष्ण से उनकी जरासन्ध को मारने की पात्रता ले ली। ऐसे अदम्य वीर हैं पूज्य भीम। ऐसे उन भीम को कौन नहीं जानता। ये वचन कहकर अभिमन्यु परोक्ष रूप से राजा विराट को भी चेतावनी देना चाहता है।
(6) Class 9 Sanskrit Chapter 7 Hindi translation
राजा- न ते क्षेपण ………………………….. यात्विति॥
अभिमन्युः- यद्यहमनुग्राह्यः- पादयोः ……….. नेष्यति ॥
कठिन शब्दार्थ
क्षेपेण = निन्दा से। रुष्यामि = क्रुद्ध होऊँगा। रमे = प्रसन्न होता हूँ। उक्त्वा = बोलकर। यातु = जाओ। असुग्राह्य = कृपा के योग्य। पादयोः = पैरों में। समुदाचारः = सभ्य आचरण। निग्रहोचितः = बन्दिजन योग्य दण्ड। आहृतम् = लाया गया। नेष्यति = ले जायेगा।
प्रसग
प्रस्तुत नाट्यांश हमारी संस्कृत की पाठ्यपुस्तक ‘शेमुषी (प्रथमोभागः) के ‘प्रत्यभिज्ञानम्’ नामक पाठ से उद्धृत है। इस अंश में विराट नरेश के सैनिक जो कि वस्तुतः अर्जुन और भीम थे, किन्तु गुप्त वेश में वहाँ रह रहे थे, के द्वारा बन्दी बनाये गए अर्जुन पुत्र अभिमन्यु के वीरोचित उद्गारों का सुन्दर वर्णन किया गया है। यहाँ विराट राजा भी उसके गुणों से प्रभावित होकर उसे छोड़ना चाहता है।
हिन्दी अनुवाद
राजा- मैं (राजा विराट) तुम्हारे व्यंग्य वचनों से क्रोध नहीं कर रहा हूँ अपितु आपके क्रोधित होने से मुझे प्रसन्नता हो रहा है। ‘तुम क्यों खडे हो, जाओ यहाँ से’ यदि मैं ऐसा कहता हूँ तो क्या हम तुम्हारे विषय में अपराधी नहीं बनेंगे।
अभिमन्यु- यदि आप मुझ पर अनुग्रह करना चाहते हैं तो बन्दिजन के योग्य बेड़ियाँ हमारे पैरों में डलवा दीजिए, मुझे भुजाओं से पकड़कर लाया गया था और अब तात भीम भुजाओं से पकड़कर ही मुझे ले जाएँगे।
(7) Class 9 Sanskrit Solutions
(ततः प्रविशत्युत्तरः)
उत्तरः- तात! अभिवादये! ……………… तेन
खलु ……………………. येन दर्शिताः॥
(इति क्रमेण सर्वान् प्रणमति, सर्वे च तम् आलिगन्ति।)
कठिन शब्दार्थ
तात! = पिताजी (बड़ों के लिए सम्बोधन)। अभिवादये = अभिवादन करता हूँ। कृतकर्माणों = कार्य करने वाले। योधपुरुषाः = योद्धाओं को। पूज्यतमस्य = पूजा के अत्यन्त योग्य की। आदाय = लेकर । तूणीर = तरकश । अक्षयसायके = नष्ट न होने वाले बाणों को। भग्नाः = भगाया। व्यपनयतु = दूर होवे। क्षिप्ता: = आक्षेप किये जाने पर। हसन्तः = हँसते हुए। दिष्टया = भाग्य से। गोग्रहणम् = गायों का अपहरण । स्वन्तम् = सुखान्त।
प्रसंग
प्रस्तुत नाट्यांश हमारी संस्कृत की पाठ्यपुस्तक ‘शेमुषी’ (प्रथमोभागः) के ‘प्रत्यभिज्ञानम्’ नामक पाठ से उद्धृत है। अज्ञातवास के समय पाण्डव गुप्तवेष में राजा विराट के यहाँ निवास कर रहे थे। गो-अपहरण के प्रसंग में राजकुमार उत्तर की सुरक्षा में लगे अर्जुन व भीम द्वारा जब प्रतिपक्ष की ओर से अभिमन्यु को पकड़ लिया जाता है तथा उसे विराट राजा के पास लाया जाता है तो वह उन्हें पहचाने बिना अपने वीरोचित उद्गार व्यक्त करता है।
प्रस्तुत अंश में राजकुमार उत्तर द्वारा रहस्योद्घाटन किये जाने पर अभिमन्यु द्वारा अपने पिता अर्जुन एवं चाचा भीम आदि को पहचान कर यथोचित प्रणाम किये जाने का और उसकी प्रसन्नता का सुन्दर वर्णन किया गया है।
हिन्दी अनुवाद
(तभी राजकुमार उत्तर प्रवेश करते हैं।)
उत्तर- पिताजी! अभिवादन करता हूँ।
राजा- पुत्र चिरञ्जीवी हो। पुत्र! युद्धभूमि में उचित (वीर) कर्म करने वाले योद्धाओं को सम्मानित कर दिया?
उत्तर- (पिताजी)! पूजा (सम्मान) के अत्यन्त योग्य की पूजा की जाए।
राजा- पुत्र ! किसकी पूजा?
उत्तर- यहीं उपस्थित पूज्य धनञ्जय (अर्जुन) की।
राजा- कैसे? धनञ्जय की पूजा, कैसे?
उत्तर- और क्या?….
जिसने श्मशान भूमि में (पहले से छुपाए) धनुष, तरकश तथा अक्षय बाणों को लाकर भीष्म आदि कुरु राजाओं को खदेडा तथा हमारी सब प्रकार से रक्षा की। (उस धनञ्जय अर्जुन को पूजित किया जाए)।
राजा- अच्छा, तो इस प्रकार से है।
उत्तर- आपकी शड्का दूर हो । यही है (श्रेष्ठ) धनुर्धर अर्जुन।
बृहन्नला- यदि मैं अर्जुन हूँ तो ये भीम हैं और ये राजा युधिष्ठिर।
अभिमन्यु- मेरे पूज्य पितृजन यहीं पर हैं?
(तभी तो) मेरे, निन्दा करने पर भी ये कुपित नहीं हो रहे थे और हँसते हुए मेरा परिहास कर रहे थे। भाग्य से ‘गो-अपहरण’ सुखान्त ही रहा जिसने मुझे पितृजनों से मिला दिया।
(और क्रमशः सभी को यथायोग्य प्रणाम करता है तथा सभी उसे गले लगाते हैं, आलिङ्गन करते हैं।)
पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. NCERT Solutions for Class 9 Sanskrit Chapter 7
एकपदेन उत्तरं लिखत
(क) कः उमावेषमिवाश्रितः भवति?
(ख) कस्याः अभिभाषणकौतूहलं महत् भवति?
(ग) अस्माकं कुले किमनुचितम्?
(घ) कः दर्पप्रशमनं कर्तुमिच्छति?
(ङ) कः अशस्त्रः आसीत्?
(च) कया गोग्रहणम् अभवत्?
(छ) कः ग्रहणं गतः आसीत्?
उत्तराणि
(क) बृहन्नला (अर्जुनः) ।
(ख) बृहन्नलायाः।
(ग) आत्मस्तंवम्।
(घ) राजा।
(ङ) भीमसेनः।
(च) दिष्ट्या ।
(छ) अभिमन्युः ।
प्रश्न 2. NCERT Solutions for Class 9 Sanskrit Chapter 7
अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषया लिखत-
(क) भटः कस्य ग्रहणम् अकरोत्?
(सैनिक ने किसे पकड़ लिया था?)
उत्तर- भटः अभिमन्योः ग्रहणं अकरोत्।
(सैनिक ने अभिमन्यु को पकड़ लिया था।)
(ख) अभिमन्युः कथं गृहीतः आसीत्?
(अभिमन्यु किस प्रकार पकड़ा गया था?)
उत्तर- अभिमन्युः अशस्त्रेण भीमेन बाहुभ्यां गृहीतः आसीत्।
(अभिमन्यु को शस्त्ररहित भीम के द्वारा भुजाओं से ही पकड़ा गया था।)
(ग) कः वल्लभ-बृहन्नलयोः प्रश्नस्य उत्तरं न ददाति?
(कौन वल्लभ और बृहन्नला के प्रश्न का उत्तर नहीं देता है?)
उत्तरम्- अभिमनयुः वल्लभ-बृहन्नलयोः प्रश्नस्य उत्तरं न ददाति।
(अभिमन्यु वल्लभ और बृहन्नला के प्रश्न का उत्तर नहीं देता है)
(घ) अभिमन्युः स्वग्रहणे किमर्थम् वञ्चितः इव अनुभवति?
(अभिमन्यु अपने पकड़े जाने में किसलिए धोखा हुआ जैसा अनुभव कर रहा था?)
उत्तर- यतः भीमं निश्शस्त्रं अवलोक्य सः प्रहारं नाकरोत् अतः सः ग्रहणं आगतः वञ्चित इव अनुभवति।
(क्योंकि भीम को शस्त्ररहित देखकर उसने प्रहार नहीं किया, इसलिए वह पकड़ में आ गया, जिससे वह धोखा हुआ जैसा अनुभव कर रहा था।)
(ङ) कस्मात् कारणात् अभिमन्युः गोग्रहणं सुखांत मन्यते?
(किस कारण से अभिमन्यु गो-अपहरण को सुखान्त मानता है?)
उत्तर- यतः गोग्रहणकारणाज्जाते युद्धे सः बन्दी भूतः, विराटनगरे च पितॄन् पश्यति।
(क्योंकि गायों के अपहरण के कारण युद्ध होने पर वह बन्दी बनाया गया और विराटनगर में वह अपने पितृजनों से मिल सका।)
प्रश्न 3. NCERT Solutions for Class 9 Sanskrit
अधोलिखितवाक्येषु प्रकटितभावं चिनुत-
(क) भोः को नु खल्वेष:? येन भुजैकनियन्त्रितो बलाधिकेनापि न पीडितः अस्मि। (विस्मयः, भयम्, जिज्ञासा)
उत्तर- विस्मयः।
(ख) कथं कथं! अभिमन्युर्नामाहम्। (आत्मप्रशंसा, स्वाभिमानः, दैन्यम्)
उत्तर- स्वाभिमानः।
(ग) कथं मां पितृवदाक्रम्य स्त्रीगतां कथां पृच्छसे? (लज्जा, क्रोधः, प्रसन्नता)
उत्तर- क्रोधः।
(घ) धनुस्तु दुर्बलैः एव गृह्यते मम तु भुजौ एव प्रहरणम्। (अन्धविश्वासः, शौर्यम्, उत्साहः)
उत्तर- उत्साहः।
(ङ) बाहुभ्यामाहृतं भीमः बाहुभ्यामेव नेष्यति। (आत्मविश्वासः, निराशा, वाक्यसंयमः)।
उत्तर- आत्मविश्वासः।
(च) दिष्टया गोग्रहणं स्वन्तं पितरो येन दर्शिताः। (क्षमा, हर्षः, धैर्यम्)
उत्तर- हर्षः।
प्रश्न 4. NCERT Solutions for Class 9 Sanskrit
यथास्थानं रिक्तस्थानपूर्ति करुत-
उत्तर
(क) खलु + एषः = खल्वेषः
(ख) बल + अधिकेन + अपि = बलाधिकेनापि न
(ग) विभाति + उमावेषम् = बिभात्युमावेषम्
(घ) वाचालयतु + एनम् = वाचालयत्वेनम्
(ङ) रुष्यति + एष = रुष्यत्येष
(च) त्वमेव + एनम् = त्वमेवैनम्
(छ) यातु + इति = यात्विति
(ज) धनञ्जयाय + इति = धनञ्जयायेति
NCERT Solutions for Class 9 Sanskrit
प्रश्न 5. अधोलिखितानि वचनानि कः कं प्रति कथयति-
यथा- कः कं प्रति
आर्य, अभिषाणकौतूहलं मे महत् उत्तर बृहन्नला भीमसेनम्
(क) कथमिदानीं सावज्ञमिव मां उत्तर अभिमन्युः भीमसेनम्
(ख) अशस्त्रेणेत्यभिधीयताम् उत्तर अभिमन्युः भीमार्जुनौ
(ग) पूज्यतमस्य क्रियतां पूजा उत्तर उत्तरः राजानम्
(घ) पुत्र! कोऽयं मध्यमो नाम उत्तर राजा अभिमन्युम्
(ङ) शान्तं पापम् ! धनुस्तु दुर्बलैः एव गृह्यते उत्तर भीमसेनः अभिमन्यम्
प्रश्न 6. NCERT Solutions for Class 9 Sanskrit
(क) अधोलिखितानि स्थूलानि सर्वनामपदानि कस्मै प्रयुक्तानि-
(क) वाचालयतु एनम् आर्यः।
उत्तर- अभिमन्यवे।
(ख) किमर्थ तेन पदातिना गृहीतः।
उत्तर- भीमसेनाय।
(ग) कथं न माम् अभिवादयसि।
उत्तर- राज्ञे।
(घ) मम तु भुजौ एव प्रहरणम्।
उत्तर- भीमसेनाय।
(ङ) अपूर्व इव ते हर्षों ब्रूहि केन विस्मितः?
उत्तर- भटाय।
Class 9 Sanskrit Solutions
प्रश्न 7. NCERT Solutions for Class 9 Sanskrit
श्लोकानाम् अपूर्णः अन्वयः अधोदत्तः। पाठमाधृत्य रिक्तस्थानानि पूरयत-
उत्तर-
(क) पार्थं पितरम् मातुलं जनार्दनं च उद्दिश्य कृतास्त्रस्य तरुणस्य युद्धपराजयः युक्तः।
(ख) कण्ठश्लिष्टेन बाहुना जरासन्धं योक्त्रयित्वा तत् असह्यं कर्म कृत्वा (भीमेन) कृष्णः अतदर्हतां नीतः।
(ग) रुष्यता भवता रमे। ते क्षेपेण न रुष्यामि, किं उक्त्वा अहं नापराद्धः, कथं (भवान्) तिष्ठति, यातु इति।
(घ) पादयोः निग्रहोचितः समुदाचारः क्रियताम् । बाहुभ्याम् आहृतम् (माम्) भीमः बाहुभ्याम् एव नेष्यति।
(अ) Class 9 Sanskrit Solutions
लिखितेभ्यः पदेभ्यः उपसर्गान् विचित्य लिखत-
पदानि उपसर्गः
यथा- आसाद्य आ
उत्तर–
(i) अवतारितः अव
(ii) विभाति वि
(iii) अभिभाषय अभि
(iv) उद्भूताः उत्
(v) तिरस्क्रियते तिरस्
(vi) प्रहरन्ति प्र
(vii) उपसर्पतु उप
(viii) परिरक्षिताः परि
(ix) प्रणमति प्र
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अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
NCERT Solutions for Class 9 Sanskrit लघूत्तरात्मक प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. प्रस्तुतपाठे केन कस्य ग्रहणं गतम्?
उत्तर- प्रस्तुतपाठे भीमेन सौभद्रस्य ग्रहणं गतम् ।
प्रश्न 2. भटः रथमासाद्य बाहुभ्यां कम् अवतारयति?
उत्तर- भटः अभिमन्युम् अवतारयति।
प्रश्न 3. कुत्र नीचैः अपि नामभिः अभिभाष्यन्ते?
उत्तर- विराटनगरे नीचैः अपि नामभिः अभिभाष्यन्ते ।
प्रश्न 4. कः शत्रुवशं गतः?
उत्तर- अभिमन्युः शत्रुवशं गतः।
प्रश्न 5. ‘अभिमन्यो! सुखमास्ते ते जननी?’ इति कः अपृच्छत्?
उत्तर- इति बृहन्नला अपृच्छत्।
प्रश्न 6. केशवः कस्य पुत्रः आसीत्?
उत्तर- केशवः देवकीपुत्रः आसीत्।
प्रश्न 7. अभिमन्युः सदृशाः केषु न प्रहरन्ति?
उत्तर- तादृशाः अशस्त्रेषु न प्रहरन्ति।