Class 9 History Chapter 1 Questions And Answers
NCERT Solutions for Class 9 History Chapter 1, छात्रों को उनकी बोर्ड परीक्षाओं के अध्ययन और तैयारी में मदद करने के लिए यहां उपलब्ध कराया गया है। फ्रांसीसी क्रांति फ्रांस में एक ऐसा दौर था जब लोगों ने राजशाही को उखाड़ फेंका और सरकार पर नियंत्रण कर लिया। क्रांति 1789 में शुरू हुई और 1790 के दशक के अंत में समाप्त हुई। फ्रांसीसी क्रांति शुरू होने से पहले, फ्रांसीसी लोगों को सामाजिक समूहों या “संपदा” में विभाजित किया गया था। फ्रांसीसी क्रांति के बाद फ्रांसीसियों का सामाजिक और राजनीतिक ढांचा पूरी तरह से बदल गया। Class 9 History Chapter 1 Questions and Answers.
Class 9 History Chapter 1 Questions and Answers in Hindi
सामाजिक विज्ञान-कक्षा IX भारत और समकालीन विश्व-1(इतिहास)
खण्ड I : घटनाएँ और प्रक्रियाएँ
फ्रांसीसी क्रान्ति
क्रियाकलाप
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प्रश्न 1. Class 9 History Chapter 1 Questions And Answers
आर्थर यंग नाम के एक अंग्रेज ने सन् 1787-1789 के दौरान फ्रांस की यात्रा की और अपनी यात्रा का विस्तृत वृत्तांत लिखा। इस वत्तांत में उसकी यह टिप्पणी दिलचस्प है:
‘सेवा-टहल में लगे अपने गलामों, खासतौर पर उनके साथ बुरा व्यवहार करने वाले को पता होना चाहिए कि इस तरह वह अपनी जिंदगी को ऐसी स्थिति में डाल रहा है जो उस स्थिति से बिल्कुल भिन्न होती जिसमें उसने मुक्त लोगों की सेवाएं ली होतीं और उनसे बेहतर बर्ताव करता। जो अपने पीड़ितों की कराह सुनते हुए भोज उड़ाना पसंद करते हैं उन्हें दंगे के दौरान अपनी बेटी के अपहरण या बेटे का गला रेत दिए जाने का दुखड़ा नहीं रोना चाहिए।’
(i) यहाँ यंग क्या संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं?
उत्तर- यहाँ यंग यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि दास प्रथा खत्म होनी चाहिए। निम्न वर्ग के लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए।
(ii) ‘गुलामों’ से उनका क्या आशय है?
उत्तर- गलामों से उनका आशय फ्रांसीसी समाज के उन लोगों से जिन कोई अधिकार प्राप्त नहीं है तथा जिनका कार्य केवल अपने मालिकों की सेवा करना है।
(iii) वह किसकी आलोचना कर रहे हैं?
उत्तर- यह कुलीनों एवं सामन्तों तथा पादरी वर्ग की आलोचना कर रहे हैं।
(iv) सन् 1787 में उन्हें किन खतरों का आभास होता है?
उत्तर- सन् 1787 में फ्रांस की सामाजिक अवस्था देखकर उन्हें आने वाली क्रांति का आभास होता है जिसमें गुलामों तथा दबे हुए लोगों का विद्रोह होगा तथा वे कुलीनों तथा पादरी वर्ग की सत्ता का खात्मा करेंगे।
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प्रश्न-
(i) डेस्मॉलिन्स और रोबेस्प्येर के विचारों की तुलना करें। राज्य शक्ति के प्रयोग से दोनों का क्या तात्पर्य है?
उत्तर- डेस्मॉलिन्स तथा रोबेस्प्येर के विचार परस्पर विरोधी हैं। डेस्मॉलिन्स लोकतन्त्र की प्राप्ति के जहाँ संविधानसम्मत तथा शांतिपूर्ण उपाय अपनाने की वकालत करता है वहाँ रोबेस्प्येर लोकतन्त्र की प्राप्ति के लिए आतंक का सहारा लेने की वकालत करता है।
(ii) निरंकुशता के विरुद्ध स्वतन्त्रता की लड़ाई से रोबेस्प्येर का क्या मतलब है?
उत्तर-‘निरंकुशता के विरुद्ध स्वतन्त्रता की लड़ाई’ से रोबेस्प्येर का मतलब उन घरेलू एवं बाहरी दुश्मनों का विनाश करना था, जिन्हें वह स्वयं गणतन्त्र का दुश्मन समझता था। जैसे—कुलीन एवं पादरी, अन्य राजनीतिक दलों के सदस्य, उसकी कार्य शैली से असहमति रखने वाले पार्टी सदस्य आदि।
(iii) डेस्मॉलिन्स स्वतन्त्रता को कैसे देखता है?
उत्तर- डेस्मॉलिन्स स्वतन्त्रता को सुख-शांति, विवेक, समानता, न्याय, अधिकारों का घोषणापत्र आदि के रूप में देखता है।
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प्रश्न- ओलम्प दे गूज द्वारा तैयार किये गये घोषणापत्र तथा ‘पुरुष एवं नागरिक अधिकार घोषणा पत्र’ की तुलना करें।
उत्तर- ओलम्प दे गूज द्वारा तैयार किये गये घोषणापत्र में महिलाओं एवं पुरुषों के मूलभूत अधिकार बताये गये है।। इसमें महिलाओं को पुरुषों के बराबर का दर्जा दिया गया है। इसके विपरीत ‘पुरुष एवं नागरिक अधिकार घोषणापत्र’ में केवल पुरुषों के नागरिक अधिकारों की बात की गई है। इसमें महिला अधिकारों की कोई चर्चा नहीं की गई है।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न Class 9 History Chapter 1 Questions And Answers
प्रश्न 1. Class 9 History Chapter 1
फ्रांस में क्रान्ति की शुरुआत किन परिस्थितियों में हुई?
उत्तर- फ्रांस में क्रान्ति की शुरुआत निम्न परिस्थितियों में हुई
सामाजिक असमानता
फ्रांस में 1789 की क्रान्ति से पहले व्यापक सामाजिक असमानता थी। अठारहवीं शताब्दी में फ्रांसीसी समाज तीन वर्गों में विभाजित था, जिन्हें एस्टेट कहा जाता था
(i) प्रथम एस्टेट – पादरी वर्ग
(ii) द्वितीय एस्टेट – सामंत अथवा कुलीन वर्ग
(iii) तृतीय एस्टेट – सामान्य लोग
ऊपरी दो वर्ग कुल जनसंख्या का एक बहुत छोटा-सा हिस्सा थे, परन्तु इन्हीं लोगों ने राष्ट्र की राजनैतिक तथा आर्थिक व्यवस्था को नियंत्रित किया हुआ था। उन्हें अनेक विशेषाधिकार तथा सुविधाएँ प्राप्त थीं। तीसरे एस्टेट के लोगों को कोई भी राजनैतिक अधिकार प्राप्त नहीं थे।
अन्यायपूर्ण कर
प्रथम दो एस्टेट के लोगों को राज्य को दिए जाने वाले करों से छूट थी। तीसरे एस्टेट के लोगों को सभी कर देने पड़ते थे।
मध्य वर्ग का उदय
फ्रांस में क्रांति की शुरुआत से पहले एक नये सामाजिक समूह का उदय हुआ, जो मध्य वर्ग कहलाया। यह व्यापारियों, बैंकरों, निर्माताओं, विद्वानों आदि का वर्ग था। मध्य वर्ग के लोग ही क्रांति के नेता बने।
दार्शनिकों तथा विद्वानों का प्रभाव
लॉक, मोतेस्क्यू, रूसो, वॉल्तेयर तथा मिराब्यो जैसे अनेक दार्शनिक थे, जिन्होंने व्यवस्था में फैली बुराइयों का पर्दाफाश किया। उन्होंने लोगों को स्वतंत्रता, समानता तथा बंधुत्व की भावनाओं से प्रेरित किया। इससे भी क्रांति को बल मिला।
जीने का संघर्ष
फ्रांस की जनसंख्या 1715 में लगभग 2.3 करोड़ से बढ़कर 1789 में 2.8 करोड़ हो गई। इससे खाद्यान्नों की मांग में तेजी से वृद्धि हुई। अनाज का उत्पादन मांग के अनुकूल न बढ़ सका। इसलिए बहुसंख्यकों के प्रमुख भोजन-पावरोटी–की कीमत तेजी से बढ़ी परन्तु मजदूरी बढ़ती कीमतों के अनुरूप नहीं बढ़ी। इससे अमीरों–गरीबों के बीच की खाई बढ़ती जा रही थी तथा जीने का संघर्ष उत्पन्न हो रहा था।
एस्टेट्स जेनराल की बैठक
फ्रांसीसी सम्राट लुई सोलहवें ने 5 मई, 1789 को नये करों के प्रस्ताव के अनुमोदन के लिए एस्टेट्स जेनराल की बैठक बुलाई। एस्टेट्स जेनराल एक राजनीतिक संस्था थी जिसमें तीनों एस्टेट्स अपने-अपने प्रतिनिधि भेजते थे। इस बैठक में पहले और दूसरे एस्टेट्स के 300-300 प्रतिनिधि तथा तीसरे एस्टेट्स के 600 प्रतिनिधि भेजे गए थे।
एस्टेट्स जेनराल के नियमों के अनुसार प्रत्येक वर्ग को एक मत देने का अधिकार था। लेकिन इसमें तीसरे एस्टेट के प्रतिनिधियों ने मांग रखी कि इस बार पूरी सभा द्वारा मतदान कराया जाये तथा जिसमें प्रत्येक सदस्य को एक मत देने का अधिकार हो। सम्राट ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया तथा यहीं से फ्रांसीसी क्रांति का सूत्रपात हुआ।
प्रश्न 2. Class 9 History Chapter 1 Questions And Answers
फ्रांसीसी समाज के किन तबकों को क्रांति का फायदा मिला? कौनसे समह सत्ता छोड़ने के लिए मजबूर हो गये? क्रांति के नतीजों से समाज के किन समूहों को निराशा हुई होगी?
उत्तर-
फ्रांसीसी समाज के वे तबके जिन्हें क्रांति से लाभ हुआ
फ्रांसीसी समाज के तीसरे एस्टेट के लोगों को क्रांति से सबसे अधिक लाभ हुआ। इन वर्गों में किसान, श्रमिक, अदालती कर्मचारी, वकील, अध्यापक, डॉक्टर तथा व्यापारी आदि शामिल थे। पहले उन्हें सब प्रकार के कर देने पड़ते थे तथा उन्हें हर कदम पर सामन्तों तथा पादरियों द्वारा अपमानित किया जाता था परन्तु क्रांति के बाद समाज के ऊपरी वर्गों द्वारा उनके साथ ठीक व्यवहार किया जाने लगा।
तीसरे एस्टेट के लोगों में भी अमीरों को सर्वाधिक लाभ हुआ। पहले उन्हें ही राजनैतिक अधिकार दिये गये। बाद में 21 वर्ष वाले सभी पुरुषों को मतदान का अधिकार दिया गया। लेकिन जैकोबिन सरकार के पतन के बाद सम्पत्तिहीन तबके को पुनः मताधिकार से वंचित कर दिया गया।
वे समूह जो सत्ता छोड़ने को मजबूर हुए
क्रांति से पहले सत्ता प्रथम एस्टेट तथा द्वितीय एस्टेट के लोगों के हाथ में थी। इनमें पादरी तथा कुलीन वर्ग आता था। अतः पादरी समूह तथा कुलीन समूह के लोग सत्ता छोड़ने को मजबूर हुए। इनके विशेषाधिकार समाप्त हो गये, सामंती व्यवस्था का उन्मूलन हो गया तथा चर्च के स्वामित्व वाली भूमि जब्त कर ली गई।
क्रांति के नतीजों से निराश समूह
क्रांति के नतीजों से सर्वप्रथम वे समूह निराश हुए जिन्हें पहले विशेषाधिकार प्राप्त थे किन्तु अब छीन लिये गये थे। इनमें पादरी तथा कुलीन लोग शामिल थे। महिलाएं भी क्रांति के नतीजों से निराश हुई क्योंकि इससे उन्हें कोई अधिकार प्राप्त नहीं हुए। दास भी इसके नतीजों से निराश हुए। यद्यपि थोड़े समय के लिए दास प्रथा को खत्म कर दिया गया था। सम्पत्तिहीन तबका भी क्रांति के नतीजों से निराश हुआ। उन्हें कोई राजनीतिक अधिकार नहीं मिले।
प्रश्न 3. Class 9 History Chapter 1 Questions And Answers
उन्नीसवीं और बीसवीं सदी की दुनिया के लिए फ्रांसीसी क्रांति कौनसी विरासत छोड़ गई?
उत्तर- उन्नीसवीं और बीसवीं सदी की दुनिया के लिए फ्रांसीसी क्रांति अनेक विरासतें छोड़ गई। इनमें मुख्य निम्न है
सामन्तवाद का अन्त
फ्रांसीसी क्रांति ने फ्रांस में सामन्तवाद का उन्मूलन कर दिया। इससे यूरोप तथा शेष दुनिया में भी सामन्तवाद के विरुद्ध वातावरण बना तथा| सामन्तवाद का अन्त हुआ।
स्वतन्त्रता, समानता और भाईचारे की भावनाओं का विकास
फ्रांसीसी क्रांति के बाद 19वीं सदी में यूरोप के हर भाग में ‘स्वतंत्रता, समानता तथा बंधुत्व’ का नारा गूजा तथा एक के बाद एक अनेक क्रांतियों की श्रृंखला बनी।
जनवादी अधिकारों के विचार
मानव अधिकारी का घोषणा पत्र (Declaration of Rights of Man)- पूरे विश्व में स्वतंत्रता का सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण अधिकार था। इसने स्वतंत्रता, समानता तथा बन्धुत्व के आधार पर एक नई सामाजिक व्यवस्था की नींव रखी। इससे व्यक्ति की महत्ता तथा गरिमा को प्रोत्साहन मिला। यूरोप के लगभग सभी देशों में भावी क्रांतियों के लिए यह मार्गदर्शक बना।
राष्ट्रवाद की धारणा
फ्रांसीसी क्रांति ने ‘राष्ट्र’ शब्द को आधुनिक अर्थ दिया तथा ‘राष्ट्रवाद’ की धारणा को प्रोत्साहित किया, जिससे पोलैण्ड, जर्मनी, नीदरलैंड तथा इटली के लोगों ने प्रोत्साहित होकर अपने देशों में राष्ट्रराज्यों की स्थापना की।
धर्मनिरपेक्ष राज्य की अवधारणा का जन्म
फ्रांस की क्रांति ने धार्मिक असमानता को समाप्त कर दिया। किसानों, मजदूरों तथा जनसाधारण को पादरियों के शोषण से मुक्ति मिली, इसके फलस्वरूप धर्मनिरपेक्ष राज्य की अवधारणा का जन्म हुआ।
प्रश्न 4. Class 9 History Chapter 1 Questions And Answers
उन जनवादी अधिकारों की सूची बनायें जो आज हमें मिले हुए हैं और जिनका उद्गम फ्रांसीसी क्रांति में है।
उत्तर- फ्रांसीसी क्रांति जनवादी अधिकारों की जनक थी। प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से सभी मूल अधिकारों की उत्पत्ति का स्रोत फ्रांसीसी क्रांति ही है। स्वतंत्रता, समानता तथा बंधुत्व फ्रांसीसी क्रांति के मार्गदर्शक सिद्धान्त हैं। भारत में हमारे संविधान ने स्वतंत्रता, समानता तथा बंधुत्व के सिद्धान्त को ध्यान में रखते हुए सभी नागरिकों को छ: मूल अधिकार दिए हैं। इनका उद्गम फ्रांसीसी क्रांति में ही है।
(1) समानता का अधिकार
(2) स्वतंत्रता का अधिकार
(3) शिक्षा एवं संस्कृति का अधिकार
(4) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
(5) शोषण के विरुद्ध अधिकार
(6) संवैधानिक उपचारों का अधिकार।
प्रश्न 5. Class 9 History Chapter 1 Questions And Answers
क्या आप इस तर्क से सहमत है कि सार्वभौमिक अधिकारों के सन्देश में नाना अन्तर्विरोध थे?
उत्तर- हाँ, मैं इस तर्क से सहमत हूँ कि सार्वभौमिक अधिकारों के सन्देश में नाना अन्तविरोध थे। इनमें मुख्य अग्र हैं
(1) एक ओर जहाँ सामन्तवाद का अन्त किया गया तथा कुलीनों द्वारा लादे गये जुए को उतार फेंका गया वहीं अब केवल अमीरों को ही राजनीतिक अधिकार दिये गये।
(2) जहाँ पुरुषों को अनेक मूलभूत अधिकार दिये गये वहाँ महिलाओं को मूलभूत अधिकारों से वंचित रखा गया। महिलाओं को निष्क्रिय नागरिक का दर्जा दिया गया, उन्हें मताधिकार भी नहीं था, न ही अन्य कोई राजनीतिक अधिकार थे।
(3) नेशनल असेम्बली द्वारा दास प्रथा के विरुद्ध कोई कानून पारित नहीं किया गया। सन् 1794 के कन्वेंशन ने फ्रांसीसी उपनिवेशों में सभी दासों की मुक्ति का कानून पारित किया। किन्तु दस वर्ष बाद नेपोलियन ने दास प्रथा को पुन: शुरू कर दिया।
(4) सार्वभौमिक अधिकारों के सन्देश में भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता को नैसर्गिक अधिकार घोषित किया गया लेकिन डेस्मॉलिन्स नामक पत्रकार द्वारा स्वतन्त्रता पर अपने विचार लिखने के कारण उसे आतंक राज के दौरान फांसी दे दी गई।
प्रश्न 6. Class 9 History Chapter 1 Questions And Answers
नेपोलियन के उदय को कैसे समझा जा सकता है?
उत्तर- नेपोलियन के उदय को निम्न प्रकार समझा जा सकता है
फ्रांसीसी क्रांति एवं राजनैतिक अस्थिरता
नेपोलियन का उदय फ्रांसीसी क्रान्ति का एक परोक्ष परिणाम था। क्रांतियों में जैसा कि अधिकतर होता है, फ्रांस में भी राजनैतिक तथा आर्थिक अस्थिरता तथा सत्ता के लिए संघर्ष चल रहा था।
जैकोबिन सरकार के पतन के बाद एक नया संविधान बना। इसने दो निर्वाचित विधानपरिषदें तथा एक डिरेक्ट्री (पाँच सदस्यों वाली एक कार्यपालिका) प्रदान की। डिरेक्ट्री तथा विधान परिषदें अक्सर झगड़ते थे। यह झगड़ा ही राजनैतिक अस्थिरता के लिए उत्तरदायी था।
नेपोलियन का उदय
एक बार प्रतिक्रान्तिकारियों ने देश की वर्तमान स्थिति से तंग आकर पार्लियामेंट पर धावा कर दिया। तोपखाने के एक नौजवान अफसर (नेपोलियन) को उनको भगाने का दायित्व सौंपा गया। उसने इस दायित्व का भली प्रकार निर्वाह किया। आस्ट्रिया की सेना ने फ्रांस पर आक्रमण कर दिया तथा तूलों बन्दरगाह पर अधिकार कर लिया। इस बन्दरगाह को मुक्ति का दायित्व भी उसी नौजवान अफसर को सौंपा गया, पूनः उसने सफलता प्राप्त की। अब नेपोलियन को ब्रिगेडियर-जनरल बनाकर विदेशी युद्ध के विरुद्ध सम्पूर्ण अधिकार दे दिये गये।
नेपोलियन इटली के भू-भाग से आस्ट्रिया को खदेड़ता हुआ मिस्र जा पहुंचा। उसे नील नदी के युद्ध में पराजय का मुँह देखना पड़ा। लेकिन अब तक वह फ्रांस की जनता में पर्याप्त लोकप्रियता प्राप्त कर चुका था। इसके बाद उसने फ्रांस की ओर प्रस्थान किया। फ्रांस पहुंचकर उसने डिरेक्ट्री के भ्रष्ट शासन का अन्त कर दिया और फ्रांस की शासन-सत्ता अपने हाथ में ले ली। 1804 में उसने स्वयं को फ्रांस का सम्राट घोषित कर दिया।
अन्य महत्त्वपूर्ण Class 9 History Chapter 1
Class 9 History Chapter 1 MCQ with Answers
प्रश्न बहुविकल्पीय
प्रश्न 1. बास्तील का पतन कब हुआ?
(अ) 5 मई, 1789 को
(ब) 20 जून, 1789 को
(स) 14 जुलाई, 1789 को
(द) 4 अगस्त, 1789 को।
उत्तर- (स) 14 जुलाई, 1789 को
प्रश्न 2. Class 9 History Chapter 1
1789 की क्रान्ति के समय फ्रांस का सम्राट था
(अ) लुई XIV
(व) लुई XV
(स) लुई XVI
(द) लुई XVII
उत्तर- (स) लुई XVI
प्रश्न 3. Class 9 History Chapter 1
राजा के दैवी और निरंकुश अधिकारों के सिद्धान्त का खण्डन किया था
(अ) लॉक ने
(व) रूसो ने
(स) मॉन्तेस्क्यू ने
(द) लुई XVI ने।
उत्तर- (अ) लॉक ने
प्रश्न 4. Class 9 History Chapter 1
‘द स्पिरिट ऑफ द लॉज’ नामक पुस्तक के रचयिता है
(अ) रूसो
(ब) लॉक
(स) सिसरो
(द) मॉन्तेस्क्यू
उत्तर- (द) मॉन्तेस्क्यू
प्रश्न 5. Class 9 History Chapter 1
रूसो द्वारा लिखित पुस्तक का नाम है
(अ) द सोशल कॉन्ट्रेक्ट
(ब) द स्पिरिट ऑफ द लॉज
(स) टू ट्रीटाइजेज ऑफ गवर्नमेंट
(द) दास कैपिटल।
उत्तर- (अ) द सोशल कॉन्ट्रेक्ट
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें Class 9 History Chapter 1 Questions And Answers
प्रश्न 1. बिना घटने वाले लोगों द्वारा पहनी जाने वाली लाल टोपी आजादी की प्रतीक थी। (क्रांति/आजादी/भाईचारा/समानता)
प्रश्न 2. डॉ. गिलोटिन वह व्यक्ति था जिसने गिलोटिन का आविष्कार किया। (तोप/बारूद/गिलोटिन)
प्रश्न 3. 18वीं शताब्दी में फ्रांस के जिस सामाजिक समूह का उद्भव हुआ उसे मध्यम वर्ग नाम से भी जाना जाता था। (उच्न वर्ग/निम्न वर्ग/मध्यम वर्ग/दास)
निम्न वाक्यों में से सत्य/असत्य कथन छाँटिये Class 9 History Chapter 1 Questions And Answers
प्रश्न 1. Class 9 History Chapter 1
अपने ‘टू ट्रीटाइजेज ऑफ गवर्नमेंट’ में लॉक ने राजा के दैवी और निरंकुश अधिकारों के सिद्धान्त का खण्डन किया।
प्रश्न 2. Class 9 History Chapter 1
1793 में बूबों राजवंश का लुई XVI फ्रांस की राजगद्दी पर बैठा।
प्रश्न 3. Class 9 History Chapter 1
फ्रांस में सन् 1793 से 1794 तक के काल को आतंक का युग कहा जाता है।
उत्तर- 1. सत्य 2. असत्य 3. सत्य
निम्न को सुमेलित कीजिए Class 9 History Chapter 1
(अ) (ब)
(i) चर्च द्वारा वसूल किया जाने वाला कर टाइल
(ii) सीधे राज्य को अदा किया जाने वाला कर टाइद
(iii) प्रथम एस्टेट पादरी वर्ग
उत्तर
(i) चर्च द्वारा वसूल किया जाने वाला कर टाइद
(ii) सीधे राज्य को अदा किया जाने वाला कर टाइल
(iii) प्रथम एस्टेट पादरी वर्ग
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न Class 9 History Chapter 1
प्रश्न 1. Class 9 History Chapter 1 Questions And Answers
अठारहवीं सदी में फ्रांसीसी समाज कितने एस्टेट्स में बंटा हुआ था? नाम दीजिए।
उत्तर- तीन एस्टेट्स में
(1) प्रथम एस्टेट (पादरी वर्ग)
(2) द्वितीय एस्टेट (कुलीन वर्ग)
(3) तृतीय एस्टेट (व्यापारी, वकील, किसान, कारीगर, नौकर आदि)।
प्रश्न 2. Class 9 History Chapter 1
‘प्राचीन राजतन्त्र’ पद का प्रयोग फ्रांस में किस सन्दर्भ में किया जाता है?
उत्तर- ‘प्राचीन राजतन्त्र’ पद का प्रयोग फ्रांस में सामान्यतः सन् 1789 से पहले के फ्रांसीसी समाज एवं संस्थाओं के लिए होता है।
प्रश्न 3. Class 9 History Chapter 1
फ्रांस के प्रथम दो एस्टेट के सदस्यों को प्राप्त किसी एक विशेषाधिकार का वर्णन कीजिए।
उत्तर- उन्हें राज्य को दिये जाने वाले करों से छूट प्राप्त थी।
प्रश्न 4. Class 9 History Chapter 1
टाइद (Tithe) क्या था?
उत्तर- टाइद एक धार्मिक कर था जो चर्च द्वारा किसानों से वसूला जाता था।
प्रश्न 5. Class 9 History Chapter 1
अठारहवीं सदी के किन्हीं दो दार्शनिकों के नाम बताइये जिनके विचारों का प्रभाव फ्रांसीसी क्रांति पर पड़ा।
उत्तर- (1) जॉन लॉक (2) ज्यां जाक रूसो।
प्रश्न 6. Class 9 History Chapter 1
सरकार के बारे में मॉन्तेस्क्यू का प्रमुख विचार क्या था?
उत्तर- मॉन्तेस्क्यू ने सरकार के अन्दर विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका के बीच सत्ता विभाजन की बात कही थी।
प्रश्न 7. Class 9 History Chapter 1
नेशनल असेम्बली के गठन के समय के दो प्रमुख नेताओं के नाम दीजिए।
उत्तर- (1) मिराब्यो (2) आबे सिए।
प्रश्न 8. Class 9 History Chapter 1
1791 के संविधान से किन लोगों को राजनीतिक अधिकार प्राप्त हुए?
उत्तर- 1791 के संविधान से केवल अमीरों को ही राजनीतिक अधिकार प्राप्त हुए।
प्रश्न 9. Class 9 History Chapter 1
1791 के संविधान से निराश होकर महिलाओं ने क्या मांगें रखीं?
उत्तर- 1791 के संविधान से निराश होकर महिलाओं ने मताधिकार, असेम्बली के लिए चुने जाने तथा राजनीतिक पदों की मांग रखी।
प्रश्न 10. Class 9 History Chapter 1
जैकोबिन शासन के क्रांतिकारी सामाजिक सुधारों में से एक सुधार बताइये।
उत्तर- फ्रांसीसी उपनिवेशों में दास प्रथा का उन्मूलन जैकोबिन शासन के क्रांतिकारी सामाजिक सुधारों में से एक था।
लघूत्तरात्मक प्रश्न Class 9 History Chapter 1
प्रश्न 1. Class 9 History Chapter 1 Questions And Answers
फ्रांस की क्रांति के तीन महत्त्वपूर्ण विचार क्या हैं? 1791 के संविधान के अन्तर्गत उनकी किस प्रकार गारंटी दी गई?
उत्तर- फ्रांस की क्रांति के तीन महत्त्वपूर्ण विचार निम्न
(1) जीवन का अधिकार
(2) अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता का अधिकार
(3) कानूनी बराबरी का अधिकार
1791 के संविधान के अन्तर्गत इन्हें नैसर्गिक एवं अहरणीय अधिकार के रूप में स्थान दिया गया। इसका अर्थ था कि ये अधिकार प्रत्येक व्यक्ति को जन्मजात रूप से प्राप्त थे तथा इन अधिकारों को छीना नहीं जा सकता था। राज्य का यह कर्तव्य माना गया कि वह प्रत्येक नागरिक के नैसर्गिक अधिकारों की रक्षा करे।
प्रश्न 2. Class 9 History Chapter 1 Questions And Answers
फ्रांस में राष्ट्रीय सभा द्वारा 1791 में बनाये गये संविधान की प्रमुख विशेषतायें बताइये।
उत्तर- फ्रांस के 1791 के संविधान की प्रमुख विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं
(1) इसने फ्रांस में संवैधानिक राजतन्त्र की नींव डाली।
(2) इसने सम्राट की शक्तियों को सीमित कर दिया।
(3) इसने शासन की शक्तियों को विभिन्न संस्थाओं विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका में विभाजित एवं हस्तांतरित कर दिया।
(4) इसने कानून बनाने का अधिकार नेशनल असेम्बली को सौंप दिया।
(5) इसमें 25 वर्ष से अधिक उम्र वाले केवल ऐसे पुरुषों को ही मताधिकार दिया गया जो कम-से-कम तीन दिन की मजदूरी के बराबर कर चुकाते थे।
(6) संविधान ‘पुरुष एवं नागरिक अधिकार घोषणापत्र के साथ शुरू हुआ था।
(7) इसमें जीवन के अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के अधिकार तथा कानून के समक्ष समानता के अधिकार को नैसर्गिक एवं अहरणीय अधिकार के रूप में स्थापित किया गया था।
प्रश्न 3. Class 9 History Chapter 1 Questions And Answers
फ्रांस की क्रान्ति में लॉक, रूसो तथा मॉन्तेस्क्यू के विचारों ने किस प्रकार योगदान दिया?
उत्तर- फ्रांस की क्रान्ति में लॉक, रूसो तथा मॉन्तेस्क्यू के विचारों ने बहुत योगदान दिया।
लॉक
लॉक ने ‘टू ट्रीटाइजेज ऑफ गवर्नमेंट’ नामक पुस्तक लिखी, जिसमें उसने राजा के दैवी और निरंकुश अधिकारों के सिद्धान्त का खंडन किया।
रूसो
रूसो ने अपनी पुस्तक ‘द सोशल कॉन्ट्रैक्ट’ में प्रत्येक सदस्य द्वारा एक मत देने के लोकतांत्रिक सिद्धान्त को प्रस्तुत किया था। रूसो ने समाज में प्रचलित असमानता तथा निरंकुश शासन की आलोचना की तथा स्वतन्त्रता, समान नियमों तथा समान अवसरों पर आधारित समाज की परिकल्पना की।
मॉन्तेस्वयू
मॉन्तेस्क्यू राजा के दैवीय अधिकारों के विरुद्ध था। वह वैधानिक शासन तथा व्यक्तिगत स्वतन्त्रता का प्रबल समर्थक था। उसने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘द स्पिरिट ऑफ द लॉज’ में सरकार के अन्दर विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका के बीच सत्ता विभाजन की बात कही। फ्रांस की जनता उपर्युक्त दार्शनिकों के विचारों से बहुत प्रभावित हुई तथा इससे क्रांति को बल मिला।
प्रश्न 4. Class 9 History Chapter 1 Questions And Answers
फ्रांस की क्रांतिकारी सरकार ने महिलाओं के लाभ के लिए क्या कानून पारित किये?
उत्तर- फ्रांस की क्रांतिकारी सरकार ने महिलाओं के लाभ के लिए निम्न कानून पारित किये
(1) सरकारी विद्यालयों की स्थापना के साथ ही सभी लड़कियों के लिए स्कूली शिक्षा को अनिवार्य बना दिया गया।
(2) अब उन्हें उनकी मर्जी के खिलाफ शादी के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता था।
(3) शादी को स्वैच्छिक अनुबंध माना गया और नागरिक कानूनों के तहत उनका पंजीकरण किया जाने लगा।
(4) तलाक को कानूनी रूप दिया गया और पुरुष-महिला दोनों को ही इसकी अर्जी देने का अधिकार दिया गया।
(5) अब महिलाएं व्यावसायिक प्रशिक्षण ले सकती थी, कलाकार बन सकती थीं और छोटे-मोटे व्यवसाय चला सकती थी।
प्रश्न 5. Class 9 History Chapter 1 Questions And Answers
अठारहवीं और उन्नीसवीं शताब्दी में फ्रांस की दासता के विषय में क्या स्थिति थी? किन्हीं तीन स्थितियों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- अठारहवीं और उन्नीसवीं शताब्दी में फ्रांस में दास-प्रथा की स्थिति निम्न प्रकार थी
(1) अठारहवीं शताब्दी में फ्रांस में दास-प्रथा की ज्यादा निंदा नहीं हुई। दास-व्यापार पर निर्भर व्यापारियों के विरोध के भय से नेशनल असेंबली में कोई कानून पारित नहीं किया गया।
(2) लेकिन अंततः सन् 1794 के कन्वेंशन द्वारा फ्रांसीसी उपनिवेशों में सभी दासों की मुक्ति का कानून पारित कर दिया गया। यह जैकोबिन शासन का क्रांतिकारी सामाजिक सुधार था। किन्तु यह कानून एक छोटी-सी अवधि तक ही लागू रहा।
(3) दस वर्ष बाद ही 1804 में नेपोलियन ने दासप्रथा पुनः शुरू कर दी। बागान मालिकों को अपने आर्थिक हित साधने के लिए अफ्रीकी नीग्रो लोगों को गुलाम बनाने की स्वतंत्रता मिल गयी।
(4) अन्ततः फ्रांसीसी उपनिवेशों से दास-प्रथा का निर्णायक उन्मूलन 1848 में किया गया।
प्रश्न 6. Class 9 History Chapter 1 Questions And Answers
जीविका संकट क्या है? अठारहवीं शताब्दी में फ्रांस में इसके लिए उत्तरदायी दो कारकों का उल्लेख करें।
उत्तर-
जीविका संकट
जीविका संकट ऐसी चरम स्थिति होती है जिसमें जीवित रहने के न्यूनतम साधन भी खतरे में पड़ने लगते हैं।
अठारहवीं शताब्दी में फ्रांस में जीविका संकट के लिए उत्तरदायी दो कारक
फ्रांस की जनसंख्या 1715 में लगभग 2.3 करोड़ थी जो 1789 में 2.8 करोड़ हो गई। इस कारण खाद्यान्नों की मांग में तेजी से वृद्धि हुई। खाद्यान्नों का उत्पादन मांग के अनुसार नहीं बढ़ रहा था। इसलिए पावरोटी की कीमतें बहुत तेजी से बढ़ी, जो कि बहुसंख्यकों का मुख्य आहार था।
अधिकतर श्रमिक कारखानों में मजदूरों का काम करते थे, जिनके मालिकों ने उनकी मजदूरी निश्चित की हुई थी। परन्तु मजदूरी बढ़ती हुई कीमतों के अनुसार नहीं बढ़ती थी। इस प्रकार अमीरों तथा गरीबों में अंतर बढ़ता गया।
जब भी कभी सूखे या ओलों का प्रकोप होने से पैदावार गिर जाती थी, तब भी जीविका संकट पैदा हो जाता था।
प्रश्न 7. Class 9 History Chapter 1 Questions And Answers
नेशनल असेम्बली द्वारा किये गये प्रमुख सुधारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर- नेशनल असेम्बली द्वारा किये गये प्रमुख सुधार निम्न प्रकार हैं
(1) नेशनल असेम्बली ने करों, कर्तव्यों और बन्धनों वाली सामन्ती व्यवस्था के उन्मूलन का आदेश पारित किया।
(2) पादरी वर्ग के लोगों को भी अपने विशेषाधिकार छोड़ने के लिए विवश किया गया।
(3) धार्मिक कर समाप्त कर दिया गया।
(4) चर्च के स्वामित्व वाली भूमि जब्त कर ली गई।
(5) जनता को समानता, स्वतन्त्रता तथा भ्रातृत्व के साथ मौलिक अधिकार दिये गये।
प्रश्न 8. Class 9 History Chapter 1 Questions And Answers
अठारहवीं शताब्दी में फ्रांस में महिलाओं की दशा का वर्णन कीजिये।
उत्तर- अठारहवीं शताब्दी में फ्रांस में महिलाओं की दशा का वर्णन निम्न बिन्दुओं में किया जा सकता है
(1) तीसरे एस्टेट की अधिकतर महिलाओं को जीविकोपार्जन के लिए काम करना पड़ता था।
(2) उनमें से अधिकतर को शिक्षा अथवा नौकरी का प्रशिक्षण प्राप्त नहीं था।
(3) एक मजदूर के रूप में महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा कम मजदूरी मिलती थी।
(4) उन्हें कम उम्र में ही अपने माता-पिता द्वारा शादी करने के लिए बाध्य किया जाता था।
(5) अपनी नौकरी के साथ-साथ उन्हें अपने परिवारों की भी देखभाल करनी पड़ती थी।
प्रश्न 9. Class 9 History Chapter 1 Questions And Answers
नेपोलियन बोनापार्ट की उपलब्धियों का मूल्यांकन कीजिए।
उत्तर- नेपोलियन बोनापार्ट की उपलब्धियों का मूल्यांकन निम्न बिन्दुओं में किया जा सकता है
(1) फ्रांस की राजनीतिक अस्थिरता का लाभ उठाकर 1804 में नेपोलियन बोनापार्ट ने खुद को फ्रांस का सम्राट घोषित कर दिया।
(2) इसके बाद उसने पड़ोस के यूरोपीय देशों की विजय यात्रा शुरू की पुराने राजवंशों को हटाकर उसने नए साम्राज्य बनाए और उनकी बागडोर अपने खानदान के लोगों के हाथ में दे दी।
(3) नेपोलियन ने यूरोप का आधुनिकीकरण किया। उसने निजी संपत्ति की सुरक्षा के कानून बनाए और दशमलव पद्धति पर आधारित नाप-तौल की एक समान प्रणाली चलायी।
निबन्धात्मक प्रश्न Class 9 History Chapter 1
प्रश्न 1. Class 9 History Chapter 1 Questions And Answers
फ्रांस की क्रान्ति की प्रमुख घटनाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर- फ्रांस की क्रान्ति की प्रमुख घटनाएं फ्रांस की क्रान्ति की प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित थीं
एस्टेट्स जेनराल का अधिवेशन
5 मई, 1789 को फ्रांस के सम्राट लुई 16वें ने एस्टेट्स जेनराल का अधिवेशन बुलाया। एस्टेट्स जेनराल के तीन एस्टेट थे
(1) प्रथम एस्टेट (पादरी वर्ग)
(2) द्वितीय एस्टेट (कुलीन वर्ग)
(3) तृतीय एस्टेट (साधारण जन)।
इनमें तृतीय एस्टेट के सदस्यों की संख्या तो अधिक थी, परन्तु तीनों एस्टेट का एक-एक मत माना जाता था। यह अन्यायपूर्ण था। साधारण सदस्य के सदस्यों ने मांग की कि तीनों सदस्यों का संयुक्त अधिवेशन हो तथा तीनों सदनों के सदस्यों के बहुमत से निर्णय लिया जाए, परन्तु प्रथम दोनों सदनों ने इसका विरोध किया।
टेनिस कोर्ट की शपथ
20 जून, 1789 को सम्राट् लुई 16वें ने तृतीय सदन (साधारण सदन) को बन्द करवा दिया। इस पर इसके सदस्यों ने टेनिस कोर्ट के मैदान पर अपना अधिवेशन आयोजित किया। वहां उन्होंने अपने आप को नेशनल असेम्बली घोषित कर दिया। उन्होंने शपथ ली कि वे अपनी बैठक जारी रखेंगे और अपना संविधान बनायेंगे। यह क्रान्ति का सूत्रपात था।
बास्तील दुर्ग का पतन
14 जुलाई, 1789 को पेरिस की जनता ने बास्तील दुर्ग पर आक्रमण कर अपने नेताओं को छुड़ा लिया। यह जनता का राजा की निरंकुशता के विरुद्ध विद्रोह था जो सफल हुआ।
राष्ट्रीय सभा के सुधार
लुई XVI ने अंततः राष्ट्रीय सभा को मान्यता दे दी। 4 अगस्त, 1789 ई. को राष्ट्रीय सभा का अधिवेशन बुलाया गया। इस अधिवेशन में सामन्तों के विशेषाधिकार समाप्त कर दिये गये। 27 अगस्त, 1789 को नागरिकों के मौलिक अधिकारों की घोषणा की गई। जनता को समानता, स्वतन्त्रता तथा भ्रातृत्व के साथ मौलिक अधिकार दिए गए।
नवीन संविधान
1791 ई. में संविधान सभा ने नया संविधान बनाया। इसमें लोक प्रभुत्व का सिद्धान्त अपनाया गया। इसमें इस बात पर बल दिया गया कि राज्य की प्रभुत्व शक्ति जनता में निहित है। इसके साथ ही कार्यपालिका, व्यवस्थापिका और न्यायपालिका की शक्तियों का पृथक्करण किया गया। इस प्रकार फ्रांस में संवैधानिक राजतन्त्र को स्थापना हुई। फ्रांस के इतिहास में यह पहला लिखित संविधान था।
राजा को बंधक बनाना तथा नये चनाव कराना
1792 की गर्मियों में जैकोबिनों ने महंगाई तथा खाद्य पदार्थों की कमी से परेशान होकर एक विशाल हिंसक विद्रोह की योजना बनाई। 10 अगस्त की सुबह उन्होंने ट्युलेरिए के महल पर धावा बोल दिया राजा के रक्षकों को मार डाला तथा स्वयं राजा को कई घंटों तक बन्धक बनाये रखा। बाद में असेम्बली ने शाही परिवार को जेल में डालने का प्रस्ताव पारित किया। नये चुनाव कराये गये।
राजतन्त्र का अन्त
नवनिर्वाचित असेम्बली को कन्वेंशन का नाम दिया गया। 21 सितम्बर, 1792 को इसने राजतन्त्र का अन्त कर दिया तथा फ्रांस को एक गणतन्त्र घोषित किया।
लुई सोलहवें को मृत्युदण्ड
लुई सोलहवें पर मुकदमा चलाया गया। उसे देशद्रोही घोषित किया गया और 21 जनवरी, 1793 को उसे फांसी दे दी गई। अक्टबर, 1793 में रानी आन्तनेत को भी फांसी दे दी गई। इस प्रकार राजतन्त्र के विरुद्ध फ्रांस की क्रान्ति सफल हुई।
प्रश्न 2. Class 9 History Chapter 1 Questions And Answers
पुरुष एवं नागरिक अधिकार घोषणापत्र के कोई आठ प्रमुख बिन्दु लिखिये।
उत्तर- पुरुष एवं नागरिक अधिकार घोषणापत्र के कोई आठ प्रमुख बिन्दु निम्न प्रकार हैं
(1) लोग स्वतंत्र पैदा होते हैं, स्वतंत्र रहते हैं और उनके अधिकार समान होते हैं।
(2) प्रत्येक राजनीतिक संगठन का लक्ष्य लोगों के नैसर्गिक एवं अहरणीय अधिकारों को संरक्षित रखना है। ये अधिकार हैं- स्वतंत्रता, सम्पत्ति, सुरक्षा एवं शोषण के प्रतिरोध का अधिकार।
(3) समग्र संप्रभुता का स्रोत राज्य में निहित है; कोई भी समूह या व्यक्ति ऐसा अनाधिकार प्रयोग नहीं करेगा जिसे जनता की सत्ता की स्वीकृति न मिली हो।
(4) स्वतंत्रता का आशय ऐसे काम करने की शक्ति से है जो औरों के लिए नुकसानदेह न हो।
(5) समाज के लिए किसी भी हानिकारक कृत्य पर पाबंदी लगाने का अधिकार कानून के पास है।
(6) कानून सामान्य इच्छा की अभिव्यक्ति है। सभी नागरिकों को व्यक्तिगत रूप से या अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से इसके निर्माण में भाग लेने का अधिकार है। कानून की नजर में सभी नागरिक समान हैं।
(7) कानूनसम्मत प्रक्रिया के बाहर किसी भी व्यक्ति को न तो दोषी ठहराया जा सकता है और न ही गिरफ्तार अथवा नजरबंद किया जा सकता है।
(8) प्रत्येक नागरिक बोलने, लिखने और छापने के लिए आजाद है। लेकिन कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत ऐसी स्वतंत्रता के दुरुपयोग की जिम्मेदारी भी उसी की होगी।
(9) सार्वजनिक सेना तथा प्रशासन के खर्चे चलाने के लिए एक सामान्य कर लगाना अपरिहार्य है। सभी नागरिकों पर उनकी आय के अनुसार समान रूप से कर लगाया जाना चाहिए।
(10) संपत्ति के अधिकार से किसी भी व्यक्ति को वंचित नहीं किया जा सकता है, जब तक कि विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के तहत सार्वजनिक आवश्यकता के लिए संपत्ति का अधिग्रहण करना आवश्यक न हो। ऐसे मामले में अग्रिम मुआवजा जरूर दिया जाना चाहिए।
प्रश्न 3. Class 9 History Chapter 1 Questions and Answers
ओलम्प दे गुज द्वारा तैयार किये गये व घोषणापत्र के कुछ प्रमुख मूलभूत अधिकारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर- ओलम्प दे गुज द्वारा तैयार किये गये घोषणापत्र के कुछ प्रमुख मूलभूत अधिकार अग्र प्रकार हैं
(1) औरत जन्मना स्वतंत्र है और अधिकारों में पुरुष के समान है।
(2) सभी राजनीतिक संगठनों का लक्ष्य पुरुष एवं महिला के नैसर्गिक अधिकारों को संरक्षित करना है। ये अधिकार हैं—स्वतंत्रता, संपत्ति, सुरक्षा और सबसे बढ़कर शोषण के प्रतिरोध का अधिकार।
(3) समग्र संप्रभुता का स्रोत राष्ट्र में निहित है जो पुरुषों एवं महिलाओं के संघ के सिवाय कुछ नहीं है।
(4) कानून सामान्य इच्छा की अभिव्यक्ति होनी चाहिए। सभी महिला एवं पुरुष नागरिकों का या तो व्यक्तिगत रूप से या अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से विधि-निर्माण में दखल होना चाहिए। यह सभी के लिए समान होना चाहिए। सभी महिला एवं पुरुष नागरिक अपनी योग्यता एवं प्रतिभा के बल पर समान रूप से एवं बिना किसी भेदभाव के हर तरह के सम्मान व सार्वजनिक पद के हकदार हैं।
(5) कोई भी महिला अपवाद नहीं है। वह विधिसम्मत प्रक्रिया द्वारा अपराधी ठहरायी जा सकती है, गिरफ्तार और नजरबंद की जा सकती है। पुरुषों की तरह महिलाओं को भी इस कठोर कानून का पालन करना चाहिए।
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NCERT Solutions for Class 9 History Chapter 1, फ्रांसीसी क्रांति से संबंधित सभी अवधारणाओं का उल्लेख एनसीईआरटी सॉल्यूशंस फॉर Class 9 History Chapter 1 में किया गया है ताकि छात्रों को पाठ्यपुस्तक के प्रश्नों को हल करने में कठिनाई का सामना न करना पड़े। एक मौका है कि अंतिम परीक्षा में एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक के प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
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